Sahityapedia
Login Create Account
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
28 Feb 2024 · 1 min read

ज़िन्दगी में सफल नहीं बल्कि महान बनिए सफल बिजनेसमैन भी है,अभ

ज़िन्दगी में सफल नहीं बल्कि महान बनिए सफल बिजनेसमैन भी है,अभिनेत्री ,अभिनेता और क्रिकेटर भी है पर एपीजे अब्दुल कलाम और मर्यादा पुरुषोत्तम श्री रामचन्द्र सा महान कोई कोई विरला ही होता है।
Rj Anand Prajapati

136 Views
📢 Stay Updated with Sahityapedia!
Join our official announcements group on WhatsApp to receive all the major updates from Sahityapedia directly on your phone.
You may also like:
उसने कहा,
उसने कहा, "क्या हुआ हम दूर हैं तो,?
Kanchan Alok Malu
सोचो
सोचो
Dinesh Kumar Gangwar
3329.⚘ *पूर्णिका* ⚘
3329.⚘ *पूर्णिका* ⚘
Dr.Khedu Bharti
अपने देश की अलग एक पहचान है,
अपने देश की अलग एक पहचान है,
Suraj kushwaha
तुमने की दग़ा - इत्तिहाम  हमारे नाम कर दिया
तुमने की दग़ा - इत्तिहाम  हमारे नाम कर दिया
Atul "Krishn"
"समय बहुत बलवान होता है"
Ajit Kumar "Karn"
जो जुल्फों के साये में पलते हैं उन्हें राहत नहीं मिलती।
जो जुल्फों के साये में पलते हैं उन्हें राहत नहीं मिलती।
Phool gufran
गाय
गाय
Vedha Singh
तस्वीर!
तस्वीर!
कविता झा ‘गीत’
साधा तीखी नजरों का निशाना
साधा तीखी नजरों का निशाना
सुखविंद्र सिंह मनसीरत
प्रकृति
प्रकृति
Bodhisatva kastooriya
*मन में जिसके लग गई, प्रभु की गहरी प्यास (कुंडलिया)*
*मन में जिसके लग गई, प्रभु की गहरी प्यास (कुंडलिया)*
Ravi Prakash
"कुछ दबी हुई ख़्वाहिशें है, कुछ मंद मुस्कुराहटें है,
शेखर सिंह
हार गए तो क्या हुआ?
हार गए तो क्या हुआ?
Praveen Bhardwaj
"" *माँ के चरणों में स्वर्ग* ""
सुनीलानंद महंत
इश्क पहली दफा
इश्क पहली दफा
साहित्य गौरव
छोटी कहानी -
छोटी कहानी - "पानी और आसमान"
Dr Tabassum Jahan
तुझसे लिपटी बेड़ियां
तुझसे लिपटी बेड़ियां
Sonam Puneet Dubey
फिर से जिंदगी ने उलाहना दिया ,
फिर से जिंदगी ने उलाहना दिया ,
Manju sagar
ये तेरी यादों के साएं मेरे रूह से हटते ही नहीं। लगता है ऐसे
ये तेरी यादों के साएं मेरे रूह से हटते ही नहीं। लगता है ऐसे
Rj Anand Prajapati
उम्र अपना
उम्र अपना
Dr fauzia Naseem shad
जादू था या तिलिस्म था तेरी निगाह में,
जादू था या तिलिस्म था तेरी निगाह में,
Shweta Soni
"वो दौर"
Dr. Kishan tandon kranti
घर वापसी
घर वापसी
Aman Sinha
हर एक अवसर से मंजर निकाल लेता है...
हर एक अवसर से मंजर निकाल लेता है...
कवि दीपक बवेजा
सुनो पहाड़ की.....!!! (भाग - ४)
सुनो पहाड़ की.....!!! (भाग - ४)
Kanchan Khanna
Dilemmas can sometimes be as perfect as perfectly you dwell
Dilemmas can sometimes be as perfect as perfectly you dwell
Chaahat
लुट गया है मक़ान किश्तों में।
लुट गया है मक़ान किश्तों में।
पंकज परिंदा
इच्छा शक्ति अगर थोड़ी सी भी हो तो निश्चित
इच्छा शक्ति अगर थोड़ी सी भी हो तो निश्चित
Paras Nath Jha
अधखिला फूल निहार रहा है
अधखिला फूल निहार रहा है
VINOD CHAUHAN
Loading...