ज़िन्दगी नाम है चलते रहने का।
अहसान मत लेना किसी अपने का।
वर्ना जुर्म आएगा फिर उसे ठगने का।।1।।
माना वक्त बुरा है पर सदा न रहेगा।
यहां ज़िन्दगी नाम है चलते रहने का।।2।।
काश कुछ और इंतजार करते तुम।
मैंने वादा किया था तुमसे बदलने का।।3।।
तू हकीकत है या है कोई फंसाना।
हर कहा तेरा झूठा है यहां सपने सा।।4।।
गल्ती थी जो रिश्ते पे रिश्ते बना गए।
हर कोई इश्क में लगता है अपने सा।।5।।
मैं आज भी मुंतजिर हूं तेरा वहां पे।
जहां पे तूने वादा किया था मिलने का।।6।।
ताज मोहम्मद
लखनऊ