ज़िन्दगी की राह
ज़िन्दगी की राहों में चलते चलते,
खुद से बहुत दूर खो जाते हैं हम।
चाहते हैं जो, उसे पाने की तलब होती है,
उस से दूर होते हुए भी हम उसकी राहों में चलते जाते हैं।
जीवन के उलझनों में जकड़े हुए हम,
समझ नहीं पाते किस तरफ जाना है,
नज़रों में आती है बस तन्हाई,
खुद को ही खो देते हैं हम इस भाँति।
जीवन का मूल मंत्र होता है सदा जियो,
जीते जी हम ज़िन्दगी का मज़ा उठाएं,
सबका साथ मिल कर खुशियों का जश्न मनाएं,
अपने अंतिम पल तक जियो और जीने दो।
ज़िन्दगी की राहों में चलते चलते,
खुद से मिलते चले जाओ,
उस नयी दुनिया में कुछ नया करो,
अपने अंतिम पल तक जीते जाओ।