Sahityapedia
Login Create Account
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
7 Mar 2023 · 1 min read

ज़िन्दगी का रूप फिर, कृशकाय होता जायेगा

शब्द यदि हर अर्थ का, पर्याय होता जायेगा
भाव का व्यापक बड़ा, समुदाय होता जायेगा

कवि हृदय से फूटकर जब गीत का होगा जनम
काव्य का आरम्भ इक, अध्याय होता जायेगा

अपने अन्तस में छिपे, मानुस को पहचान लो
यूँ तुम्हारे ज्ञान का, स्वाध्याय होता जायेगा

त्याग यूँ करते रहे जो, आप जीवन मूल्य का
दूसरों के प्रति निरन्तर, अन्याय होता जायेगा

ये व्यवस्था यूँ ही यदि, अपराध को ढोती रही
आप मन्थन कीजिये क्या, न्याय होता जायेगा

वक़्त ये संघर्ष का है, आप जो चेते नहीं
ज़िन्दगी का रूप फिर, कृशकाय होता जायेगा

•••

1 Like · 116 Views
📢 Stay Updated with Sahityapedia!
Join our official announcements group on WhatsApp to receive all the major updates from Sahityapedia directly on your phone.
Books from महावीर उत्तरांचली • Mahavir Uttranchali
View all
You may also like:
"देश भक्ति गीत"
Slok maurya "umang"
"प्रेम न पथभ्रमित होता है,, न करता है।"
*प्रणय प्रभात*
अंतरंग प्रेम
अंतरंग प्रेम
Paras Nath Jha
मिलन
मिलन
Bodhisatva kastooriya
चाहे अकेला हूँ , लेकिन नहीं कोई मुझको गम
चाहे अकेला हूँ , लेकिन नहीं कोई मुझको गम
gurudeenverma198
राजस्थानी भाषा में
राजस्थानी भाषा में
भवानी सिंह धानका 'भूधर'
कपट
कपट
Sanjay ' शून्य'
"अदृश्य शक्ति"
Ekta chitrangini
3441🌷 *पूर्णिका* 🌷
3441🌷 *पूर्णिका* 🌷
Dr.Khedu Bharti
जीवन है चलने का नाम
जीवन है चलने का नाम
Ram Krishan Rastogi
"काल-कोठरी"
Dr. Kishan tandon kranti
कुछ समझ में ही नहीं आता कि मैं अब क्या करूँ ।
कुछ समझ में ही नहीं आता कि मैं अब क्या करूँ ।
Neelam Sharma
*......कब तक..... **
*......कब तक..... **
Naushaba Suriya
★भारतीय किसान ★
★भारतीय किसान ★
★ IPS KAMAL THAKUR ★
जोश,जूनून भरपूर है,
जोश,जूनून भरपूर है,
Vaishaligoel
नज़र
नज़र
Dr. Akhilesh Baghel "Akhil"
श्री राम एक मंत्र है श्री राम आज श्लोक हैं
श्री राम एक मंत्र है श्री राम आज श्लोक हैं
Shankar N aanjna
इतना क्यों व्यस्त हो तुम
इतना क्यों व्यस्त हो तुम
Shiv kumar Barman
*गूगल को गुरु मानिए, इसका ज्ञान अथाह (कुंडलिया)*
*गूगल को गुरु मानिए, इसका ज्ञान अथाह (कुंडलिया)*
Ravi Prakash
उम्र बढती रही दोस्त कम होते रहे।
उम्र बढती रही दोस्त कम होते रहे।
Sonu sugandh
ग़ज़ल
ग़ज़ल
ईश्वर दयाल गोस्वामी
आँखों के आंसू झूठे है, निश्छल हृदय से नहीं झरते है।
आँखों के आंसू झूठे है, निश्छल हृदय से नहीं झरते है।
Buddha Prakash
रात के बाद सुबह का इंतजार रहता हैं।
रात के बाद सुबह का इंतजार रहता हैं।
Neeraj Agarwal
डॉ अरुण कुमार शास्त्री
डॉ अरुण कुमार शास्त्री
DR ARUN KUMAR SHASTRI
बचपन में थे सवा शेर
बचपन में थे सवा शेर
VINOD CHAUHAN
रमेशराज के 'नव कुंडलिया 'राज' छंद' में 7 बालगीत
रमेशराज के 'नव कुंडलिया 'राज' छंद' में 7 बालगीत
कवि रमेशराज
किताबों में झुके सिर दुनिया में हमेशा ऊठे रहते हैं l
किताबों में झुके सिर दुनिया में हमेशा ऊठे रहते हैं l
Ranjeet kumar patre
समय
समय
Dr. Pradeep Kumar Sharma
*श्रीराम और चंडी माँ की कथा*
*श्रीराम और चंडी माँ की कथा*
Kr. Praval Pratap Singh Rana
हम तूफ़ानों से खेलेंगे, चट्टानों से टकराएँगे।
हम तूफ़ानों से खेलेंगे, चट्टानों से टकराएँगे।
आर.एस. 'प्रीतम'
Loading...