ज़िन्दगी का दर्द
मोहब्बत बहुत तड़पाती हैं
ज़िन्दगी बहुत रुलाती है।
ना जाने यह दिल का रोग किसने बनाया
जिसमे मौत तो आती है पर रुक रुक कर आती हैं।
मोहब्बत बहुत तड़पाती हैं
ज़िन्दगी बहुत रुलाती है।
ना जाने यह दिल का रोग किसने बनाया
जिसमे मौत तो आती है पर रुक रुक कर आती हैं।