ज़िंदा रखने की कोशिश
जब भी किसी कोशिश में
नाकामी मिली मुझे
मैंने भीमराव आंबेडकर के
जद्दोजेहद को याद कर लिया!
जब भी इस जिंदगी में
मायूसी मिली मुझे
मैंने सरदार भगतसिंह की
कशमकश को याद कर लिया!
मैंने नाना कारणों से
कई लोगों से मुतासिर होके
अपने आपको बचाया
पागलपन या खुदकुशी से!
जब भी अपने नज़रिए से
बदनामी मिली मुझे
मैंने आचार्य श्री रजनीश की
हिजरत को याद कर लिया!
Shekhar Chandra Mitra