ज़िंदा एहसास
न जाने क्यों हमारे अज़ीज़ हमसे
जल्द दूर हो जाते हैं ,
उनकी यादों के दिये जलाकर हम अपना
दिल बहलाते हैं ,
उनके अख़लाक़ की सीरत हमारी राहों को
रोशन करती रहेगी !
ता-‘उम्र हमारे दिल में उनके एहसास की
आग ज़िंदा रहेगी !
न जाने क्यों हमारे अज़ीज़ हमसे
जल्द दूर हो जाते हैं ,
उनकी यादों के दिये जलाकर हम अपना
दिल बहलाते हैं ,
उनके अख़लाक़ की सीरत हमारी राहों को
रोशन करती रहेगी !
ता-‘उम्र हमारे दिल में उनके एहसास की
आग ज़िंदा रहेगी !