Sahityapedia
Login Create Account
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
26 Nov 2019 · 1 min read

ज़िंदगी है एक रंगमंच

ज़िंदगी है एक रंगमंच,
यहॉं हर किसी को अपना किरदार निभाना है,
और लौट जाना है,
सोच ना तू कि स्थाई तेरा ठिकाना है,
बड़े बड़े अभिनेता हुए,
बड़े ही जिन्होंने नाम किए,
पर अब इतिहास के पन्नों में,
उनका आशियाना है,
यहॉं हर हाल में किरदार निभाना है,
ख़ुशी मिले या गम,
सबको समान रूप से अपनाना है,
बस ख़ुशी से अपना किरदार निभा कर,
सबने चले जाना है,
गर ढेरों है दुश्वारियां राह में,
तो गम ना कर, उसका इशारा समझ,
उसने तुझे सर्वश्रेष्ठ माना है,
क्योंकि काबिल को ही मिलता,
मुख्य किरदार,जो तुझे जी-जान से निभाना है,
बस समझ ले खुद को मुख्य किरदार,
तुझे ही सब समझना-समझाना है,
पूरी शिदत से अपना किरदार निभाना है,
और सम्मान से वापिस जाना है ..

Language: Hindi
6 Likes · 2 Comments · 273 Views
📢 Stay Updated with Sahityapedia!
Join our official announcements group on WhatsApp to receive all the major updates from Sahityapedia directly on your phone.
You may also like:
यह कैसी आस्था ,यह कैसी भक्ति ?
यह कैसी आस्था ,यह कैसी भक्ति ?
ओनिका सेतिया 'अनु '
मेरी खुशियों की दिवाली हो तुम।
मेरी खुशियों की दिवाली हो तुम।
Rj Anand Prajapati
नया ट्रैफिक-प्लान (बाल कविता)
नया ट्रैफिक-प्लान (बाल कविता)
Ravi Prakash
" बच्चे की दुआ "
Dr. Kishan tandon kranti
"मैं मजाक हूँ "
भरत कुमार सोलंकी
राममय जगत
राममय जगत
बिमल तिवारी “आत्मबोध”
कजरी (वर्षा-गीत)
कजरी (वर्षा-गीत)
Shekhar Chandra Mitra
ये   मुनासिब  नहीं  हमारे   लिए ,
ये मुनासिब नहीं हमारे लिए ,
Dr fauzia Naseem shad
सौदा हुआ था उसके होठों पर मुस्कुराहट बनी रहे,
सौदा हुआ था उसके होठों पर मुस्कुराहट बनी रहे,
डॉ. शशांक शर्मा "रईस"
सरस्वती वंदना-4
सरस्वती वंदना-4
डाॅ. बिपिन पाण्डेय
"मेरे नाम की जय-जयकार करने से अच्‍छा है,
शेखर सिंह
इत्तिफ़ाक़न मिला नहीं होता।
इत्तिफ़ाक़न मिला नहीं होता।
सत्य कुमार प्रेमी
साल में
साल में
डॉ प्रवीण कुमार श्रीवास्तव, प्रेम
अब बदला किस किस से लू जनाब
अब बदला किस किस से लू जनाब
Umender kumar
2742. *पूर्णिका*
2742. *पूर्णिका*
Dr.Khedu Bharti
तुम आ जाओ एक बार.....
तुम आ जाओ एक बार.....
पूर्वार्थ
हरियाली तीज....
हरियाली तीज....
Harminder Kaur
World Tobacco Prohibition Day
World Tobacco Prohibition Day
Tushar Jagawat
बना रही थी संवेदनशील मुझे
बना रही थी संवेदनशील मुझे
Buddha Prakash
इश्क
इश्क
Neeraj Mishra " नीर "
बचपन और पचपन
बचपन और पचपन
ओमप्रकाश भारती *ओम्*
क्या मुकद्दर बनाकर तूने ज़मीं पर उतारा है।
क्या मुकद्दर बनाकर तूने ज़मीं पर उतारा है।
Phool gufran
मां तुम बहुत याद आती हो
मां तुम बहुत याद आती हो
Mukesh Kumar Sonkar
Dr Arun Kumar shastri
Dr Arun Kumar shastri
DR ARUN KUMAR SHASTRI
दस्तक
दस्तक
Satish Srijan
*साम्ब षट्पदी---*
*साम्ब षट्पदी---*
रामनाथ साहू 'ननकी' (छ.ग.)
इल्म हुआ जब इश्क का,
इल्म हुआ जब इश्क का,
sushil sarna
शिक्षक की भूमिका
शिक्षक की भूमिका
Shashi kala vyas
आप तनाव में तनिक मत रहो,
आप तनाव में तनिक मत रहो,
Ajit Kumar "Karn"
कहती रातें...।
कहती रातें...।
*प्रणय*
Loading...