Sahityapedia
Login
Create Account
Home
Search
Dashboard
0
Notifications
Settings
Dr fauzia Naseem shad
188 Followers
Follow
Report this post
24 Feb 2024 · 1 min read
ज़िंदगी पर तो
मौत पर तो यक़ीन है लेकिन ।
ज़िंदगी पर तो एतबार आये ।।
डाॅ फौज़िया नसीम शाद
Language:
Hindi
Tag:
शेर
Like
Share
4 Likes
· 203 Views
Share
Facebook
Twitter
WhatsApp
Copy link to share
Copy
Link copied!
📢 Stay Updated with Sahityapedia!
Join our official announcements group on WhatsApp to receive all the major updates from Sahityapedia directly on your phone.
Join Sahityapedia on Whatsapp
Books from Dr fauzia Naseem shad
View all
फ़ासले
Dr. Fauzia Naseem Shad
एहसास के मोती
Dr. Fauzia Naseem Shad
मेरे एहसास
Dr. Fauzia Naseem Shad
You may also like:
सफर में चाहते खुशियॉं, तो ले सामान कम निकलो(मुक्तक)
Ravi Prakash
मन
SATPAL CHAUHAN
सपनों का सफर, संघर्षों का साथ,
पूर्वार्थ
3779.💐 *पूर्णिका* 💐
Dr.Khedu Bharti
धोखा देकर बेवफ़ा,
sushil sarna
चुनाव और विकास
SURYA PRAKASH SHARMA
मैं खोया था जिसकी यादों में,
Sunny kumar kabira
* यौवन पचास का, दिल पंद्रेह का *
DR ARUN KUMAR SHASTRI
दीपक और दिया
Dr. Ramesh Kumar Nirmesh
के उसे चांद उगाने की ख़्वाहिश थी जमीं पर,
डॉ. शशांक शर्मा "रईस"
" जेबकतरा "
Dr. Kishan tandon kranti
सफलता की ओर
Vandna Thakur
संस्कारों और वीरों की धरा...!!!!
Jyoti Khari
रमेशराज के कहमुकरी संरचना में चार मुक्तक
कवि रमेशराज
घनाक्षरी छंदों के नाम , विधान ,सउदाहरण
Subhash Singhai
मौहब्बत अक्स है तेरा इबादत तुझको करनी है ।
Phool gufran
दिवाली के दिन सुरन की सब्जी खाना क्यों अनिवार्य है? मेरे दाद
Rituraj shivem verma
यह जो आँखों में दिख रहा है
कवि दीपक बवेजा
तुम रूठकर मुझसे दूर जा रही हो
Sonam Puneet Dubey
मैं हर पल हर कड़ में खुशी ढूंढता हूं
Ranjeet kumar patre
— कैसा बुजुर्ग —
गायक - लेखक अजीत कुमार तलवार
आज की सौगात जो बख्शी प्रभु ने है तुझे
Saraswati Bajpai
पसन्द नहीं था खुदा को भी, यह रिश्ता तुम्हारा
gurudeenverma198
दिल में बसाना नहीं चाहता
Ramji Tiwari
Effort € Strengths
Ashish Kumar chaubey
वह मुझे दोस्त कहता, और मेरी हर बेबसी पर हँसता रहा ।
TAMANNA BILASPURI
हर खुशी
Dr fauzia Naseem shad
..
*प्रणय*
दबी दबी आहें
Shashi Mahajan
अपना साया ही गर दुश्मन बना जब यहां,
ओनिका सेतिया 'अनु '
Loading...