“ज़िंदगी कोई खेल नहीं” (कविता)
जिंदगी को यूं हंसी खेल न समझ
लम्हा-लम्हा कीमती है ए नासमझ
हम वो खुशनसीब है जो एक
कारीगर के रूप में आए हैं
अब ये तेरे हाथों में हैं रे बंदे
जीवन संवार ले अपना
हर पल का लुत्फ उठाते हुए
चलता चल तू चलता चल
सत्य के पथ पर हो यूं ही अग्रसर
मेहनत से जिंदगी को बना बेहतर
बुजदिली छोड़ निडर होकर ले कमान
हिम्मत के पैमाने संग बांट नेकी का पयाम
ये जिंदगी न मिलेगी दोबारा तुझे
बस एक बार तो याद कर बंदे
उन वीर जवानों को सलाम करते-करते
जो देश के लिए अपनी जान
न्यौछावर कर देते हैं हंसते-हंसते
दुनिया में इस प्रेरणा के साथ
कुछ काम ऐसा कर जाएं दोस्तों
हमारा नाम सबके लिए यादगार हो जाए
इसीलिए जिंदगी कोई खेल नहीं
ईश्वर द्वारा दिया अनमोल उपहार है