ज़िंदगी के रास्ते सरल नहीं होते….!!!!
आज में जीने के लिए अतीत को त्यागना ही पड़ता है
वरना ज़िंदगी के मसले ताउम्र हल नहीं होते…..
जानोगे तो पता चलेगा कुछ जिंदगियों के रास्ते
अक्सर सरल नहीं होते…..
मन्नते मांगना छोड़ें टूटते तारों से सुना है
खुली आंखों से देखे गए सपने कभी विफल नहीं होते…..
न भरोसा किया कीजिए आसानी से सभी पर
कीचड़ में सभी कमल नहीं होते…..
कुछ वादें तोड़ने के लिए ही करते हैं लोग
वो वादें ज़िंदगी में कभी अमल नहीं होते…..
सफ़र में मिलते हैं बहुत
कुछ साथ हैं आज और कुछ कल नहीं होते…..
ज़िंदगी ने जिन्हें दिए हैं बेतहाशा ज़ख्म
फ़िर वो ठोस से कभी तरल नहीं होते…..
माटी के हैं हम ओर माटी में ही मिल जाना है
ये शरीर के ढांचे असल नहीं होते…..
खुद के अन्दर विलीन न करें अपनी खुशियों को
जीवन में हमेशा साथ ऐसे हसीन पल नहीं होते…..
शिद्दतों से न किए जाने वाले कर्मों के
अक्सर मीठे फल नहीं होते…..
कलयुग में रिश्तों में प्रेम का अस्तित्व कहां
जो दावा करें निस्वार्थ प्रेम का
यकीन मानिए ऐसे व्यक्ति हकीकत में,दरअसल नहीं होते…..
ये तो कुछ अनकहे से एहसास और जज़्बात है जो शब्दों में पिरों लिए जाते हैं
इनको कोई नाम न दें
ये पवित्र से एहसास हमेशा मात्र शायरी या गज़ल नहीं होते …..!!!!!
– ज्योति खारी