ज़िंदगी के रंगों में ढलता चला गया
जिंदगी के रंगों में ढलता चला गया,
अपने ग़मों को धुएं में उड़ाता चला गया,
हयात के मुसाफिरों से मिलता चला गया
डगर की धुन गुनगुनाता चला गया |
जिंदगी के रंगों में ढलता चला गया,
अपने ग़मों को धुएं में उड़ाता चला गया,
हयात के मुसाफिरों से मिलता चला गया
डगर की धुन गुनगुनाता चला गया |