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6 May 2024 · 1 min read

ज़िंदगी के तजुर्बे खा गए बचपन मेरा,

ज़िंदगी के तजुर्बे खा गए बचपन मेरा,
अब शिकवा शिकायतें करूं भी मैं तो किससे करूं

©️ डॉ. शशांक शर्मा “रईस”

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