Sahityapedia
Login Create Account
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
19 Aug 2020 · 1 min read

ज़हर मुझे वो सौंप गई

प्रेम जलधि का इक पल में ही लहर मुझे वो सौंप गई
तन्हाई के महलों का भी शहर मुझे वो सौंप गई
जिसको जीवन समझ रहा था उसने कितना जुल्म किया
अमृत का घट कहकर पगली ज़हर मुझे वो सौंप गई।

Language: Hindi
3 Likes · 2 Comments · 544 Views
📢 Stay Updated with Sahityapedia!
Join our official announcements group on WhatsApp to receive all the major updates from Sahityapedia directly on your phone.

You may also like these posts

नियति
नियति
मिथलेश सिंह"मिलिंद"
ख्वाबों में कितनी दफा
ख्वाबों में कितनी दफा
शिव प्रताप लोधी
3670.💐 *पूर्णिका* 💐
3670.💐 *पूर्णिका* 💐
Dr.Khedu Bharti
श्याम दिलबर बना जब से
श्याम दिलबर बना जब से
Khaimsingh Saini
भोर का दृश्य
भोर का दृश्य
surenderpal vaidya
6. *माता-पिता*
6. *माता-पिता*
Dr .Shweta sood 'Madhu'
बाबा रामदेव जी
बाबा रामदेव जी
जितेन्द्र गहलोत धुम्बड़िया
ये बेकरारी, बेखुदी
ये बेकरारी, बेखुदी
हिमांशु Kulshrestha
कुरीतियों पर प्रहार!
कुरीतियों पर प्रहार!
Harminder Kaur
तुझे जब फुर्सत मिले तब ही याद करों
तुझे जब फुर्सत मिले तब ही याद करों
Keshav kishor Kumar
" इसलिए "
Dr. Kishan tandon kranti
जगमग जगमग दीप जलें, तेरे इन दो नैनों में....!
जगमग जगमग दीप जलें, तेरे इन दो नैनों में....!
singh kunwar sarvendra vikram
*सूने घर में बूढ़े-बुढ़िया, खिसियाकर रह जाते हैं (हिंदी गजल/
*सूने घर में बूढ़े-बुढ़िया, खिसियाकर रह जाते हैं (हिंदी गजल/
Ravi Prakash
*सांच को आंच नहीं*
*सांच को आंच नहीं*
सुरेन्द्र शर्मा 'शिव'
"पूनम का चांद"
Ekta chitrangini
दुखी मैथिली।
दुखी मैथिली।
Acharya Rama Nand Mandal
जीवन (एक पथ)
जीवन (एक पथ)
Vivek saswat Shukla
तारे बुझ गये फिर भी
तारे बुझ गये फिर भी
अर्चना मुकेश मेहता
मैडम
मैडम
अवध किशोर 'अवधू'
पर्दा खोल रहा है
पर्दा खोल रहा है
संतोष बरमैया जय
कोशिश करना आगे बढ़ना
कोशिश करना आगे बढ़ना
अनिल कुमार गुप्ता 'अंजुम'
मुखौटे
मुखौटे
डॉ राजेंद्र सिंह स्वच्छंद
समन्वय आनन्द पर्व का
समन्वय आनन्द पर्व का
Karuna Bhalla
ज़िंदगी की चाहत में
ज़िंदगी की चाहत में
Dr fauzia Naseem shad
हम जिएँ न जिएँ दोस्त
हम जिएँ न जिएँ दोस्त
Vivek Mishra
एक शख्स  एक दुनिया हो सकता है
एक शख्स एक दुनिया हो सकता है
पूर्वार्थ
चेन की नींद
चेन की नींद
Vibha Jain
प्यार में आलिंगन ही आकर्षण होता हैं।
प्यार में आलिंगन ही आकर्षण होता हैं।
Neeraj Agarwal
कैसी हसरतें हैं तुम्हारी जरा देखो तो सही
कैसी हसरतें हैं तुम्हारी जरा देखो तो सही
VINOD CHAUHAN
यकीनन तुम्हारे बिना जीना किसी दर्द से कम नहीं,
यकीनन तुम्हारे बिना जीना किसी दर्द से कम नहीं,
डॉ. शशांक शर्मा "रईस"
Loading...