ज़हर मुझे वो सौंप गई
प्रेम जलधि का इक पल में ही लहर मुझे वो सौंप गई
तन्हाई के महलों का भी शहर मुझे वो सौंप गई
जिसको जीवन समझ रहा था उसने कितना जुल्म किया
अमृत का घट कहकर पगली ज़हर मुझे वो सौंप गई।
प्रेम जलधि का इक पल में ही लहर मुझे वो सौंप गई
तन्हाई के महलों का भी शहर मुझे वो सौंप गई
जिसको जीवन समझ रहा था उसने कितना जुल्म किया
अमृत का घट कहकर पगली ज़हर मुझे वो सौंप गई।