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26 Nov 2024 · 1 min read

ज़ब्त को जितना आज़माया है ।

ज़ब्त को जितना आज़माया है ।
उतना बेचैन खुद को पाया है।
खो दिया है उसे हक़ीक़त में ,
बस ख़्यालों में जिसको पाया है।
डाॅ फ़ौज़िया नसीम शाद

1 Like · 32 Views
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