ज़ंग जारी रहेगी
गर्दन पर इंसानियत की
जब तक कोई आरी रहेगी!
उसके ख़िलाफ़ किसी शायर की
ज़ंग एक ज़ारी रहेगी!!
क़लम की ताक़त को ऐसे
हल्के में लेना ठीक नहीं!
मज़हब और सियासत पर यह
अकेली ही भारी रहेगी!!
Shekhar Chandra Mitra
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