भ्रष्टाचार
जहाॅं भ्रष्टाचार अपने आपको पूरी तरह से स्थापित कर लिया हो,वहाॅं कार्य की गुणवत्ता और प्रगति के बारे में कल्पना करना भी बेइमानी है।
Paras Nath Jha
जहाॅं भ्रष्टाचार अपने आपको पूरी तरह से स्थापित कर लिया हो,वहाॅं कार्य की गुणवत्ता और प्रगति के बारे में कल्पना करना भी बेइमानी है।
Paras Nath Jha