जहाँ अंधेरा, वहाँ अंधेर l
मुक्तक
जहाँ अंधेरा, वहाँ अंधेर l
ना बसा घर, अब नहीं कर देर ll
नहीं तो, सुख व शांति का, दम ख़म l
बस निकले निकले, देर सवेर ll
अरविन्द व्यास “प्यास”
मुक्तक
जहाँ अंधेरा, वहाँ अंधेर l
ना बसा घर, अब नहीं कर देर ll
नहीं तो, सुख व शांति का, दम ख़म l
बस निकले निकले, देर सवेर ll
अरविन्द व्यास “प्यास”