जश्न
जश्न
अभी यह दौर कठिन है वक्त का ,
मानव खड़ा ले कवच हिम्मतका ,
चल रहा है कोशिशों का सफर ,
जल्दी ही खत्म होगा यह कहर ,
जब सुबह और शाम जगमगाएगी।
मनेगा जश्न, जिंदगी तब मुस्कुराएगी ।।
रोशन तभी सब चेहरे होंगे ,
और मास्क जब सारे हटेंगे ,
बीमारी मैदान छोड़ जाएगी ,
हर पेट की ज्वाला मिटेगी ,
भूख से न आंते जब कुलबुलाएंगी।
मनेगा जश्न ,जिंदगी तब मुस्कुराएगी।।
सबकी मेहनत रंग लाएगी ,
मानवता युद्ध जीत जाएगी,
सफलता जब हाथ आएगी ,
सभी डरों को दूर भगाएगी
विश्वास की आंच जब सुगबुगाएगी।
मनेगा जश्न ,ज़िंदगी तब मुस्कुराएगी।।
मीनाक्षी भटनागर
स्वरचित