जवाब अब तक नहीं आया
वो दिखाके सुहाने ख्वाब अब तक नहीं आया
मेरे कुछ सवालों का जवाब अब तक नहीं आया
बारिसें ठहर चुकी है बादल भी कब के चले गए
जाने क्यूं निकल के आफताब अब तक नहीं आया
मेरे सब ऐब सब खामियां ज़माने ने हैं गिन डाली
मेरी खूबियों का उन्हें हिसाब अब तक नहीं आया
ये कौन शाहकार है तन्हा जिसने चमन महका दिया
गुलशन में ऐसा कोई गुलाब अब तक नहीं आया
हया के रंग से जो रंगत तेरे रुख़सारों पे आई है “अर्श”
तेरे चेहरे पर यह सुरखाब अब तक नहीं आया