जवानों की तरह रह कर वही जज्बा रखेंगे हम।
गज़ल
1222……1222…….1222……1222
जवानों की तरह रह कर वही जज्बा रखेंगे हम।
वतन के वास्ते जिंदा वतन पर मर मिटेंगे हम।
जो दुश्मन सिर उठायेगा कुचलना हमको आता है,
न कोई आंच आयेगी अगर जिंदा रहेंगे हम।
वतन के हक में कुछ करना पड़े करके रहेंगे हम,
अगर होगी जरूरत तो बदल सरकार देंगे हम।
जवानों से हमारी जिंदगी में चैन रहता है,
बिठाकर उनको पलकों पर सदा सजदा करेंगेे हम।
वतन पर जीने से मरना है यारो सौ गुना बेहतर,
अगर होगी जरूरत तो जनम सौ बार लेंगे हम।
विदेशों में नहीं जायेंगे रखने आबरू गिरवी,
रहेंगे देश में अपने भले कुछ कम कमाएँगे हम।
जो प्रेमी प्रेम करते देश से वो ही अमर होते,
यही अरमान है अपना वतन पर ही मरेंगे हम।
……..✍️प्रेमी