जल
नीर जिंदगी बचाय
प्यास भूमि की बुझाय
मूल्यवान रत्न मीत
व्यर्थ न बहाइए
गर्भ मे छुपा जो नीर
न निकाल हो अधीर
डाल डाल बोर वेल
धरा न सुखाइए
वंश आपका चलेगा
नीर दूध सा पियेगा
आने वाली पीढ़ी हेतु
जल को बचाइए
मिल के बचाओ नीर
ये हरेगा सारी पीर
छोटे बड़े सभी को ये
सीख भी सिखाइए
©
शरद कश्यप