जल संरक्षण
नदियाँ सिकुड़ गयी,
झरने सूख गए,
पोखर पाट दिए,
तालाब रेतीले हो गए,
कुँए बंद हो गए,
समुन्द्र सुनामी हो गए,
एक एक करके —-हमने,
जल स्रोतों से खिलवाड़ किया,
प्रकृति की अनुपम देन का-
नहीं हमने सम्मान किया,
बूँद बूँद पानी को तरसे,
खग विहग सब प्यासे है,
अब भी चेते,पहचाने हम,
जल का मूल्य——
जल का सदुपयोग करे हम,
व्यर्थ न जाये जल की बूंद ,
मुहिम बना ले जल संरक्षण की,
जल की बचत को अपना ले,
जल अमृत है,जल रक्षक है,
जल की महिमा अपरंपार,
जल ने सबको दिया है जीवन,
जल ही जीवन का आधार।।
डॉ प्रिया सोनी खरे।