जल प्रदूषित थल प्रदूषित वायु के दूषित चरण ( मुक्तक)
जल प्रदूषित थल प्रदूषित वायु के दूषित चरण ( मुक्तक)
—————————————————-
जल प्रदूषित थल प्रदूषित वायु के दूषित चरण
आदमी के कार्य से ही आदमी का है मरण
सृष्टि का कण-कण हमें यह दे रहा चेतावनी
आदमी को यदि बचाना है बचे पर्यावरण
——————————————————
रचयिता: रवि प्रकाश
बाजार सर्राफा,रामपुर उ. प्र.
9997615451