Sahityapedia
Login Create Account
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
2 May 2024 · 1 min read

जल की व्यथा

पौन भाग तुझमे रहूँ,
तेरे मुझसे होवें काज,
कौन जीव जग में ऐसा,
जिसको ना मेरी आस…

जीवन का रस किसलय मैं हूंँ,
रूँधा कंठ तब शीतल मैं हूंँ,
जीवन की उत्पत्ति मुझ से,
टिके हुये जड़ चेतन मुझसे…

तुमने पर मेरा मूल्य न जाना,
सदा तिरस्कृत तृतीयक जाना,
तो अब मैं रूक न पाऊँगा,
अब धीर न मैं धर पाऊँगा…

जब शाखें उकठा हो जाऐंगी,
जब धरा उष्ण हो जाऐगी,
आकंठ शुष्क जब होवोगे,
तब फूट फूट के रोओगे…

अगणित गज मिट्टी खोदोगे,
फिर बूंद बूंद को दौडोगे,
मै तब विलुप्त सब देखूँगा,
व्याकुल फिर तुमको देखूंगा…

चेतन जब होगें शून्य सदा,
प्रकृति का होगा मौन सधा,
तब फिर मैं ना आ पाऊंगा,
इस धरा को ना अपनाऊंगा…
©विवेक’वारिद’

Language: Hindi
1 Like · 18 Views
📢 Stay Updated with Sahityapedia!
Join our official announcements group on WhatsApp to receive all the major updates from Sahityapedia directly on your phone.
You may also like:
तड़ाग के मुँह पर......समंदर की बात
तड़ाग के मुँह पर......समंदर की बात
सिद्धार्थ गोरखपुरी
नाथ शरण तुम राखिए,तुम ही प्राण आधार
नाथ शरण तुम राखिए,तुम ही प्राण आधार
कृष्णकांत गुर्जर
पेड़ पौधे (ताटंक छन्द)
पेड़ पौधे (ताटंक छन्द)
नाथ सोनांचली
धोखा मिला है अपनो से, तो तन्हाई से क्या डरना l
धोखा मिला है अपनो से, तो तन्हाई से क्या डरना l
Shyamsingh Lodhi Rajput (Tejpuriya)
शुभम दुष्यंत राणा shubham dushyant rana ने हितग्राही कार्ड अभियान के तहत शासन की योजनाओं को लेकर जनता से ली राय
शुभम दुष्यंत राणा shubham dushyant rana ने हितग्राही कार्ड अभियान के तहत शासन की योजनाओं को लेकर जनता से ली राय
Bramhastra sahityapedia
जीवन के उपन्यास के कलाकार हैं ईश्वर
जीवन के उपन्यास के कलाकार हैं ईश्वर
अनिल कुमार गुप्ता 'अंजुम'
Dad's Tales of Yore
Dad's Tales of Yore
Natasha Stephen
योगी?
योगी?
Sanjay ' शून्य'
3141.*पूर्णिका*
3141.*पूर्णिका*
Dr.Khedu Bharti
कुछ अपनें ऐसे होते हैं,
कुछ अपनें ऐसे होते हैं,
Yogendra Chaturwedi
कीमती
कीमती
Naushaba Suriya
सपने का सफर और संघर्ष आपकी मैटेरियल process  and अच्छे resou
सपने का सफर और संघर्ष आपकी मैटेरियल process and अच्छे resou
पूर्वार्थ
सत्य उस तीखी औषधि के समान होता है जो तुरंत तो कष्ट कारी लगती
सत्य उस तीखी औषधि के समान होता है जो तुरंत तो कष्ट कारी लगती
ओम प्रकाश श्रीवास्तव
तो मेरा नाम नही//
तो मेरा नाम नही//
गुप्तरत्न
*औषधि (बाल कविता)*
*औषधि (बाल कविता)*
Ravi Prakash
श्री राम के आदर्श
श्री राम के आदर्श
सुरेन्द्र शर्मा 'शिव'
’शे’र’ : ब्रह्मणवाद पर / मुसाफ़िर बैठा
’शे’र’ : ब्रह्मणवाद पर / मुसाफ़िर बैठा
Dr MusafiR BaithA
"कभी"
Dr. Kishan tandon kranti
उसकी जरूरत तक मैं उसकी ज़रुरत बनी रहीं !
उसकी जरूरत तक मैं उसकी ज़रुरत बनी रहीं !
Dr Manju Saini
हम कोई भी कार्य करें
हम कोई भी कार्य करें
Swami Ganganiya
बुद्ध सा करुणामयी कोई नहीं है।
बुद्ध सा करुणामयी कोई नहीं है।
Buddha Prakash
अहोभाग्य
अहोभाग्य
DR ARUN KUMAR SHASTRI
बीन अधीन फणीश।
बीन अधीन फणीश।
Neelam Sharma
एक तरफ चाचा
एक तरफ चाचा
*प्रणय प्रभात*
सावन बरसता है उधर....
सावन बरसता है उधर....
डॉ.सीमा अग्रवाल
चेहरे के भाव
चेहरे के भाव
सोलंकी प्रशांत (An Explorer Of Life)
कैसे लिखूं
कैसे लिखूं
डॉ सगीर अहमद सिद्दीकी Dr SAGHEER AHMAD
"मन" भर मन पर बोझ
Atul "Krishn"
ঐটা সত্য
ঐটা সত্য
Otteri Selvakumar
प्रलयंकारी कोरोना
प्रलयंकारी कोरोना
Shriyansh Gupta
Loading...