जल – कविता
जल ही जीवन ,जल ही कल,
जल से अच्छा कोई ना फल।
नल से आता है यह जल,
जल के बिना अधूरा हर एक पल।
खाने-पीने ‘व’ नहाने में आता काम,
जल है जिसका नाम ।
जल के हैं कई सारे काम,
जिस में मिलता ले लेता उसी का नाम ।
जल की महिमा अपरंपार,
इस को बचाने का सपना करो साकार।
धन्यवाद।
लेखिका: श्रेयसी दुबे।