Sahityapedia
Login Create Account
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
1 May 2022 · 1 min read

जल्दी

जहां भी देखो
हर कोई जल्दी में है
ज़िंदगी जी रहे हम
या ज़िंदगी हमको
ढो रही है
कोई नहीं समझ पाता
ये बस चल रही है
जी पा रहा कोई
बचपन भी नहीं
दो साल से झेलो
पढ़ाई के बोझ को
हो जाए पढ़ाई पूरी
नौकरी की चिंता है
नौकरी भी मिल जाए
अब है बच्चों की चिंता
है जीवन व्यस्त इतना
कब रिटायरमेंट आ गई
पता भी न चला
शादी बच्चों की अब
कराकर ही होगा भला
आ गया अब तो बुढ़ापा
जीवन जीया ही नहीं
कब आयेगी मौत अब
इसकी चिंता हो रही
सारी उम्र जल्दी में रहे
ज़िंदगी को जीया ही नहीं
लगता है मौत भी
अब जल्दी में है
साथ ले जाकर ही
मानेगी अब वो भी।

Language: Hindi
2 Likes · 361 Views
📢 Stay Updated with Sahityapedia!
Join our official announcements group on WhatsApp to receive all the major updates from Sahityapedia directly on your phone.
Books from सुरेन्द्र शर्मा 'शिव'
View all
You may also like:
3700.💐 *पूर्णिका* 💐
3700.💐 *पूर्णिका* 💐
Dr.Khedu Bharti
*****रामलला*****
*****रामलला*****
Kavita Chouhan
देश के रास्तों पर शूल
देश के रास्तों पर शूल
Umesh उमेश शुक्ल Shukla
निराश मन-
निराश मन-
पूर्वार्थ
कौन सी जमात में पढ़ती हो तुम मोहल्ले के लड़के बता रहे थे बड़
कौन सी जमात में पढ़ती हो तुम मोहल्ले के लड़के बता रहे थे बड़
Rj Anand Prajapati
बेफिक्र तेरे पहलू पे उतर आया हूं मैं, अब तेरी मर्जी....
बेफिक्र तेरे पहलू पे उतर आया हूं मैं, अब तेरी मर्जी....
डॉ. शशांक शर्मा "रईस"
जिम्मेदारी कौन तय करेगा
जिम्मेदारी कौन तय करेगा
Mahender Singh
प्रेम 💌💌💕♥️
प्रेम 💌💌💕♥️
डॉ० रोहित कौशिक
میں ہوں تخلیق اپنے ہی رب کی ۔۔۔۔۔۔۔۔۔
میں ہوں تخلیق اپنے ہی رب کی ۔۔۔۔۔۔۔۔۔
Dr fauzia Naseem shad
वसंत पंचमी की शुभकामनाएं ।
वसंत पंचमी की शुभकामनाएं ।
डा. सूर्यनारायण पाण्डेय
यूं ही हमारी दोस्ती का सिलसिला रहे।
यूं ही हमारी दोस्ती का सिलसिला रहे।
सत्य कुमार प्रेमी
*शिव जी को पूज रहे हैं जन, शिव महायोग के हैं ज्ञाता (राधेश्य
*शिव जी को पूज रहे हैं जन, शिव महायोग के हैं ज्ञाता (राधेश्य
Ravi Prakash
हिस्से की धूप
हिस्से की धूप
Dr. Ramesh Kumar Nirmesh
मेरी हर कविता में सिर्फ तुम्हरा ही जिक्र है,
मेरी हर कविता में सिर्फ तुम्हरा ही जिक्र है,
लक्ष्मी वर्मा प्रतीक्षा
चंद्र मौली भाल हो
चंद्र मौली भाल हो
डॉ प्रवीण कुमार श्रीवास्तव, प्रेम
रुसल कनिया
रुसल कनिया
Bindesh kumar jha
*छंद--भुजंग प्रयात
*छंद--भुजंग प्रयात
Poonam gupta
अतीत के “टाइम मशीन” में बैठ
अतीत के “टाइम मशीन” में बैठ
Atul "Krishn"
चुनाव
चुनाव
*प्रणय*
जिस देश में लोग संत बनकर बलात्कार कर सकते है
जिस देश में लोग संत बनकर बलात्कार कर सकते है
शेखर सिंह
“पेपर लीक”
“पेपर लीक”
Neeraj kumar Soni
भारत का अतीत
भारत का अतीत
Anup kanheri
"सौगात"
Dr. Kishan tandon kranti
चीजें खुद से नहीं होती, उन्हें करना पड़ता है,
चीजें खुद से नहीं होती, उन्हें करना पड़ता है,
Sunil Maheshwari
क्या गुनाह था कि तुम्हें खोया है हमने
क्या गुनाह था कि तुम्हें खोया है हमने
Diwakar Mahto
राम का चिंतन
राम का चिंतन
Shashi Mahajan
"वचन देती हूँ"
Ekta chitrangini
साक्षात्कार- पीयूष गोयल लेखक
साक्षात्कार- पीयूष गोयल लेखक
Piyush Goel
तेरी जुल्फों के साये में भी अब राहत नहीं मिलती।
तेरी जुल्फों के साये में भी अब राहत नहीं मिलती।
Phool gufran
कमबख़्त इश़्क
कमबख़्त इश़्क
Shyam Sundar Subramanian
Loading...