जलाओ प्यार के दीपक खिलाओ फूल चाहत के
जलाओ प्यार के दीपक खिलाओ फूल चाहत के
करे तारीफ़ सुनकर हर फ़साने शौक़ आदत के
गिराना तो बहुत आसान होता है किसी को भी
उठाओ तो तुम्हें जानें करें चर्चें लियाक़त के
शब्दार्थ- फ़साने- किस्से, लियाक़त- हुनर/जौहर/गुण/विशेषता
आर.एस. ‘प्रीतम’