Sahityapedia
Login Create Account
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
11 Sep 2024 · 1 min read

जलती दीवानगी

हे रब हो जाए कोई रचना, मिट् जाये हम दीवाने।
बंद दिलों को जला रहे हैं, तड़पन में हम परवाने।।

जलने से मिटना अच्छा है, प्रेम जन्म की हसरत से।
विष का प्याला एक बहुत है, सौ भरे कटोरे शरबत से।।

काली आंखें, भीगी पलकें, कुछ इंगित करती रही।
मोती से दांतों की मुस्कान, बिजली सी पड़ती रही।।

बिखरा करके केशुओं को, छाया हमें आती रही।
अँधेरे में कदम उठे तो, बिदिंया चमकती रही।।

वह प्यार- दीवानी बन बैठी, कुछ ऐसा हमने जान लिया।
रच दिया रब ने इस मूरत को, नैनों में उसको तार लिया।।

इठलाती तितली की झलक को, पाने को दीवाने बने।
समय की घड़ियां उल्टी हो गई, कोमल दिल घबराने लगे।।

दीवानो के बढ़ते कदम से, मंजिल कोसो दूर हुई।
सईयाद के पड़ गई हाथों में, जीवन से मजबूर हुई।।

हम रहे ढूंढते दर – दर पे, सईयाद का कोई ठिकाना नहीं।
तड़प रही बुलबुल भी होगी, उसको रब तड़पाना नहीं।।

इधर है तड़पन उधर दीवानी, झुलस रहे हैं दौऊ ज्वाला में।
रब मिट जाए दीवानगी उनकी, दोनो बंधे प्रेम की माला में।।

Language: Hindi
17 Views
📢 Stay Updated with Sahityapedia!
Join our official announcements group on WhatsApp to receive all the major updates from Sahityapedia directly on your phone.
You may also like:
3006.*पूर्णिका*
3006.*पूर्णिका*
Dr.Khedu Bharti
"होली है आई रे"
Rahul Singh
संविधान में हिंदी की स्थिति
संविधान में हिंदी की स्थिति
डॉ प्रवीण कुमार श्रीवास्तव, प्रेम
ସେହି ଚୁମ୍ବନରୁ
ସେହି ଚୁମ୍ବନରୁ
Otteri Selvakumar
ज़िंदगी देती है
ज़िंदगी देती है
Dr fauzia Naseem shad
*आसमाँ से धरा तक मिला है चमन*
*आसमाँ से धरा तक मिला है चमन*
सुखविंद्र सिंह मनसीरत
ऐसे रूठे हमसे कि कभी फिर मुड़कर भी नहीं देखा,
ऐसे रूठे हमसे कि कभी फिर मुड़कर भी नहीं देखा,
Kanchan verma
अलविदा
अलविदा
ruby kumari
प्रेम की लीला
प्रेम की लीला
Surinder blackpen
सावन की बौछार ने,
सावन की बौछार ने,
sushil sarna
दूर जा चुका है वो फिर ख्वाबों में आता है
दूर जा चुका है वो फिर ख्वाबों में आता है
Surya Barman
औरतें ऐसी ही होती हैं
औरतें ऐसी ही होती हैं
Mamta Singh Devaa
जीवन और रंग
जीवन और रंग
नंदलाल मणि त्रिपाठी पीताम्बर
*मातृभूमि की सेवा से हम, पीछे नहीं हटेंगे (गीत)*
*मातृभूमि की सेवा से हम, पीछे नहीं हटेंगे (गीत)*
Ravi Prakash
The Moon and Me!!
The Moon and Me!!
Rachana
द्रौपदी ने भी रखा था ‘करवा चौथ’ का व्रत
द्रौपदी ने भी रखा था ‘करवा चौथ’ का व्रत
कवि रमेशराज
विद्यापति धाम
विद्यापति धाम
डॉ. श्री रमण 'श्रीपद्'
"सिक्का"
Dr. Kishan tandon kranti
यूँ  तो  दुनिया  में  मेले  बहुत  हैं।
यूँ तो दुनिया में मेले बहुत हैं।
रामनाथ साहू 'ननकी' (छ.ग.)
शिक्षा ही जीवन है
शिक्षा ही जीवन है
SHAMA PARVEEN
🙅fact🙅
🙅fact🙅
*प्रणय प्रभात*
कितना भी आवश्यक या जरूरी काम हो
कितना भी आवश्यक या जरूरी काम हो
शेखर सिंह
बहुत कहानी तुमने बोई
बहुत कहानी तुमने बोई
Suryakant Dwivedi
वो कई बरस के बाद मिली थी मुझसे,
वो कई बरस के बाद मिली थी मुझसे,
डॉ. शशांक शर्मा "रईस"
सफ़र में धूप तो होगी जो चल सको तो चलो
सफ़र में धूप तो होगी जो चल सको तो चलो
पूर्वार्थ
"ज़िंदगी जीना ही होता है"
Ajit Kumar "Karn"
विचारों को पढ़ कर छोड़ देने से जीवन मे कोई बदलाव नही आता क्य
विचारों को पढ़ कर छोड़ देने से जीवन मे कोई बदलाव नही आता क्य
Rituraj shivem verma
पिता
पिता
Swami Ganganiya
आबाद वतन रखना, महका चमन रखना
आबाद वतन रखना, महका चमन रखना
gurudeenverma198
*धनतेरस का त्यौहार*
*धनतेरस का त्यौहार*
Harminder Kaur
Loading...