Sahityapedia
Login Create Account
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
10 Jul 2024 · 1 min read

जरूरी नहीं कि वह ऐसा ही हो

यह सब तुम्हारी केवल कल्पना है,
जिसके बारे में तुम सोचते हो,
तुम ही रखते हो ऐसा ख्याल,
ऐसा सिर्फ तुम सोचते हो,
ऐसा सिर्फ तुम ही कहते हो,
कि वह सिर्फ तुम्हारा ही है।

उसको तुमने माना है अपना ख्वाब,
और अपनी जिंदगी की मंजिल,
और माना है उसको तुमने अपनी,
बन्दगी- ओ- तस्वीर जिंदगी की,
और तुम्हारी राहों को रोशन करने वाला,
चिराग जिसको तुमने कहा है।

चाहते हो जिससे तुम बहुत कुछ,
हरकदम पर जिसका तुम साथ,
रंजो- गम में खुशियों का फूल बने,
निराशा में उमंग और विश्वास भरे,
उदासी को तोड़ता हुआ संगीत बने,
और उसको तुम सींच रहे हो अपने खूं से।

करते हो जिसकी खिदमत हरवक्त तुम,
ताकि वह तुमसे नाराज नहीं हो,
अपनी इच्छाओं और खुशियों को दफ़न करके,
भरते हो जिसका दामन खुशियों से तुम,
और कहते हो गर्व से जिसको तुम,
अपना प्यार- अपनी जान-ओ- शान,
जरूरी नहीं कि वह ऐसा ही हो।

शिक्षक एवं साहित्यकार
गुरुदीन वर्मा उर्फ़ जी.आज़ाद
तहसील एवं जिला- बारां(राजस्थान)

Language: Hindi
48 Views
📢 Stay Updated with Sahityapedia!
Join our official announcements group on WhatsApp to receive all the major updates from Sahityapedia directly on your phone.
You may also like:
आज लिखने बैठ गया हूं, मैं अपने अतीत को।
आज लिखने बैठ गया हूं, मैं अपने अतीत को।
SATPAL CHAUHAN
प्यार
प्यार
Kanchan Khanna
”ज़िन्दगी छोटी नहीं होती
”ज़िन्दगी छोटी नहीं होती
शेखर सिंह
ना तो कला को सम्मान ,
ना तो कला को सम्मान ,
ओनिका सेतिया 'अनु '
3370⚘ *पूर्णिका* ⚘
3370⚘ *पूर्णिका* ⚘
Dr.Khedu Bharti
"अन्धेरे के आशियाने"
Dr. Kishan tandon kranti
*मुझे गाँव की मिट्टी,याद आ रही है*
*मुझे गाँव की मिट्टी,याद आ रही है*
sudhir kumar
कुंडलिया - रंग
कुंडलिया - रंग
sushil sarna
इश्क समंदर
इश्क समंदर
Neelam Sharma
एक पुरुष जब एक महिला को ही सब कुछ समझ लेता है या तो वह बेहद
एक पुरुष जब एक महिला को ही सब कुछ समझ लेता है या तो वह बेहद
Rj Anand Prajapati
माशा अल्लाह, तुम बहुत लाजवाब हो
माशा अल्लाह, तुम बहुत लाजवाब हो
gurudeenverma198
निकट है आगमन बेला
निकट है आगमन बेला
डॉ.सीमा अग्रवाल
सड़क जो हाइवे बन गया
सड़क जो हाइवे बन गया
आर एस आघात
" जिन्दगी के पल"
Yogendra Chaturwedi
चलते रहना ही जीवन है।
चलते रहना ही जीवन है।
संजय कुमार संजू
तुम पढ़ो नहीं मेरी रचना  मैं गीत कोई लिख जाऊंगा !
तुम पढ़ो नहीं मेरी रचना मैं गीत कोई लिख जाऊंगा !
DrLakshman Jha Parimal
खुद को खोल कर रखने की आदत है ।
खुद को खोल कर रखने की आदत है ।
Ashwini sharma
सुकून
सुकून
इंजी. संजय श्रीवास्तव
You never know when the prolixity of destiny can twirl your
You never know when the prolixity of destiny can twirl your
Chaahat
बहुत हुआ
बहुत हुआ
Mahender Singh
हम तुम्हें लिखना
हम तुम्हें लिखना
Dr fauzia Naseem shad
सब ठीक है
सब ठीक है
पूर्वार्थ
*बारात में पगड़ी बॅंधवाने का आनंद*
*बारात में पगड़ी बॅंधवाने का आनंद*
Ravi Prakash
क्यो नकाब लगाती हो
क्यो नकाब लगाती हो
भरत कुमार सोलंकी
अपनी सरहदें जानते है आसमां और जमीन...!
अपनी सरहदें जानते है आसमां और जमीन...!
Aarti sirsat
जागो अब तो जागो
जागो अब तो जागो
VINOD CHAUHAN
काम,क्रोध,भोग आदि मोक्ष भी परमार्थ है
काम,क्रोध,भोग आदि मोक्ष भी परमार्थ है
AJAY AMITABH SUMAN
वही पर्याप्त है
वही पर्याप्त है
Satish Srijan
മണം.
മണം.
Heera S
रोशनी का रखना ध्यान विशेष
रोशनी का रखना ध्यान विशेष
Umesh उमेश शुक्ल Shukla
Loading...