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18 Mar 2020 · 1 min read

जरूरी तो नही

लोग समझेंगे मिरी बात जरूरी तो नही
एक जैसे हों खयालात जरूरी तो नहीं

शर्म,संकोच भी कर देते हैं पानी- पानी
भीगने के लिए बरसात जरूरी तो नहीं

शर्त चाहत की है ये रूठना मनाना मगर
यूँ ही कट जाए सारी रात जरूरी तो नहीं

हार जाने का हुनर सीखना पड़ेगा तुम्हें
जिन्दगी दे न कभी मात जरूरी तो नहीं

एक दिल,एक है जज्बात,एक सी चाहत
हाथ में तेरे मिरा हाथ जरूरी तो नहीं

और भी लोग मिला करते हैं सफ़र में मुझे
हर घड़ी तू ही रहे साथ जरूरी तो नहीं

एक मैं और एक तू हो ब्याह हो जाए
ये ढोल ताशे ये बारात जरूरी तो नहीं

ख़ुदकुशी कर लो बड़े शौक से चाहत में मगर
बाद मरने के मुलाक़ात जरूरी तो नही

ताज बनवाया मोहब्बत में शाह ने लेकिन
हो मिरी भी वही औकात जरूरी तो नहीं

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