जय हो बाबा साँई बाबा
जय हो बाबा साँई बाबा।
जग में ना कोई तुझसे बड़ा है।
तुझ सा ना कोई दुःख हर्ता है,
तुझसे ना कोई छुपा हुआ है,
तू ही है जग का रखवाला,
तेरी ही महिमा सब पर होगी।
दाता साँई तेरी कृपा से,
बहुतेरो का भला हुआ है,
जग में तुम आये पीड़ित जन के,
दुःखो को अपने मन में भरने।
साँई ओ बाबा तुम ने बताया,
चमत्कार से सबको दिखाया,
सच के दर्शन सबने है पाया,
कैसा फ़क़ीर है साँई दाता।
झोली खाली किसी की कैसे रहेगी,
संतो में संत की अद्भुत छाया,
पार लगाने आये थे साँई,
जय हो बाबा साँई बाबा।
रचनाकार –
बुद्ध प्रकाश,
मौदहा हमीरपुर।