जय हे ! गणपति
जय हे ! गणपति जगवंदन ।
हम करते हैं , अभिनंदन ।।
जो ध्यान, करे प्रभु जी का ।
बन जाये जीवन नीका ।।
कट जाते जग के बंधन ,
हम करते हैं , अभिनंदन ….
मोदक तुमको प्रिय लागे ।
सुमिरन से दुर्गति भागे ।।
चढ़े धूप दीप अरु चंदन ,
हम करते हैं , अभिनंदन ….
तुम ही हो करुणा सागर ।
देवाधिपति , नटनागर ।।
कृपा से मिटे, जग क्रंदन ,
हम करते हैं , अभिनंदन ….