जय हिन्दी ! जय हिन्दुस्तान !!
जय हिन्दी ! जय हिन्दुस्तान !!
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मैं हर तरफ ही देख रहा हूॅं !
लोग प्रायः हिन्दी भाषा का
इस्तेमाल तो करते हैं !
पर लिपि के रूप में
देवनागरी का इस्तेमाल
नहीं कर पाते हैं !!
क्या ये देवनागरी लिपि
सहज नहीं लेखन में…?
जो लोग इसे त्यागकर
इंग्लिश लिपि को ही
गले लगाते हैं !!
या फिर कहीं ऐसा तो नहीं….
कि देवनागरी तो उन्हें पसंद है ,
पर पाश्चात्य संस्कृति की
देखा – देखी में ही वे
देवनागरी लिपि को छोड़कर
इंग्लिश लिपि को ही
सहजता से अपनाते हैं !!
अगर ऐसा है तो
यह बहुत ही चिंता
का विषय है….
इससे भारतीय सभ्यता
व संस्कृति को गहन खतरा है !
लोगों का ध्यान अपने देश
की लिपि, भाषा को छोड़कर
किसी विदेशी भाषा की
तरफ़ क्यों है….??
यह अंग्रेजी भाषा ही
सभी भारतीयों के दिलों में
छोड़ रहा गहरी छाप क्यों है ?
हर एक भारतीय
इस अंग्रेजी भाषा को
खुद की प्रतिष्ठा से
जोड़ रहा क्यों है….??
क्या देवनागरी लिपि
व हिन्दी भाषा के प्रयोग से
किसी भारतीय की प्रतिष्ठा
धूमिल हो जाएगी….??
अगर हाॅं, तो वह अंधेरे में
ही जीवन जी रहा !
और अगर उत्तर ना में है
तो फिर ऐसा सोचना भी ,
अपने आप में इक गुनाह है !!
हाॅं, आप अंग्रेजी का भी प्रयोग करें….
पर अपने देश की हिन्दी का
हक़ मारकर नहीं !
या तो अंग्रेजी का प्रयोग हिन्दी के
सहयोगी भाषा के रूप में हो ,
या फिर हिन्दी के बाद ही हो !!
मतलब यह कि प्राथमिकता
हिन्दी भाषा की ही हो….!!
क्योंकि जब तक हमारी हिन्दी है
तब तक ही हमारा हिन्दुस्तान
सुरक्षित व अक्षुण्ण है !
क्योंकि हिन्दी ही हमारी
ख़ास पहचान बन चुकी है !
यह वही भाषा है जो….
पूरे हिन्दुस्तान को ही ,
जाति-धर्म के एक सूत्र
में बांधकर रखी हुई है !!
भारत देश की एकता व अखंडता
को सदा ही अक्षुण्ण रखी हुई है !!
अपनी सभ्यता व संस्कृति
की रक्षा करके ही…
हम किसी अन्य संस्कृति को
बढ़ावा दे सकते हैं !
बढ़ावा देने का मतलब ये नहीं
कि हमारी ख़ुद की ही संस्कृति
विलुप्तप्राय सी हो जाये !!
अपनी संस्कृति का अस्तित्व ही
ख़तरे में पड़ जाए !
और हम सब बस,
मूकदर्शक बने रहकर,
यूॅं ही , हाथ पे हाथ धरकर
बस, अपलक देखते रह जाएं !!
इसीलिए समय रहते ही
हम सब, चेत जाएं….
पूर्ण समर्पित भाव से….
अपनी हिन्दी को आगे बढ़ाएं….
हर हिन्दुस्तानी का सपना
साकार कर जाएं….
पूर्ण साकार कर जाएं…..
जय हिन्दी ! जय हिन्दुस्तान !!
स्वरचित एवं मौलिक ।
सर्वाधिकार सुरक्षित ।
अजित कुमार “कर्ण” ✍️✍️
किशनगंज ( बिहार )
दिनांक : 16 सितंबर, 2021.
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