जय स्कन्द माता
जय स्कन्द माता
मात्रा भार 16
स्कन्द जननी शक्ति रूपिणी,
महाशक्ति जय मां भवानी ।
श्री अरुण पद्मा विराजिनी,
ओजस्विनी रूपेण दामिनी।
प्रथम करे स्कन्द विराजे,
द्वितीय तृतीय सरोज साजे।
चतुर्थ वरहस्त शुभकारी,
हे मात भवानी वरदानी।
विशुद्ध चक्र मैया जगाती,
साधकों की नैया चलाती।
वाणी सुमधुर सिद्ध कराती,
सोलह कला विद्वान बनाती।
सरल हो नर करे अराधना,
श्रद्धा भाव से करे साधना।
सहज स्वीकार करे भवानी,
तजे नर की भूल नादानी।
ललिता कश्यप गांव सायर जिला बिलासपुर हिमाचल प्रदेश