वक्त से पहले किसे कुछ मिला है भाई
"I'm someone who wouldn't mind spending all day alone.
उलझी उलझी सी रहे , यहाँ वक़्त की डोर
*सहकारी युग हिंदी साप्ताहिक के प्रारंभिक पंद्रह वर्ष*
पहली किताब या पहली मुहब्बत
ठाकुर प्रतापसिंह "राणाजी "
अहसास से नम नहीं करतीं रिश्तों की मुलायिमत
इतनी शिद्दत से प्यार कौन करे
तड़के जब आँखें खुलीं, उपजा एक विचार।
वो अपनी नज़रें क़िताबों में गड़ाए
"YOU ARE GOOD" से शुरू हुई मोहब्बत "YOU
हुआ है अच्छा ही, उनके लिए तो
हरमन प्यारा : सतगुरु अर्जुन देव
जिंदगी आईने से खुल जाती है सामने से