जय माता दी
जय माता दी
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नवमी तिथि आई है पावन।
करो शैलपुत्री का पूजन।।
देवी माता जग कल्याणी।
महिमा गाओ मीठी वाणी।।
भुजा चार मातु के सोहे।
आभामयी मुख मातु का मोहे।।
गदा चक्र मां कर में धारे।
कमल शंख लगते अति प्यारे।।
महादेव ने तुमको ध्याया।
अष्ट सिद्धि का आशिष पाया।।
वेद पुराणों में मां की महिमा।
अष्ट सिद्धि सह अणिमा गरिमा।।
नवरात्रि का पर्व है पावन।
मनते मंदिर घर अरू आंगन।।
जो भी करते मां आराधन।
उनका होता सुखमय जीवन।।
मातु शैलपुत्री करें ,भक्तों का कल्याण।
महिमा अद्भभुत मात कि,कहते वेद पुराण ।।
सुषमा सिंह*उर्मि,,