Sahityapedia
Login Create Account
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
2 Oct 2019 · 1 min read

जय माता दी

माता मेरे घर में आ जाना,मुझको भी दर्श दिखा जाना।
खुशियों के दीप जला जाना,सुंदर-सा मार्ग दिखा जाना।।

भक्तों के दुःख हरने वाली,
शेर सवारी करने वाली,
ममता हमपे बरसाओ तुम,
जग में सुख को भरने वाली,
प्रेम सिखा के हमको जाना,नेम बता के हमको जाना।
दर पर आकर माता रानी,सद् नज़राना देकर जाना।।

आशीष तुम्हारा मिल जाए,
जीवन मधुबन बन खिल जाए,
दिन-रात करें हम पूजा माँ,
हरपल भक्ति लिए ढ़ल जाए,
भक्ति कभी मत तुम ठुकराना,हर उलझन को तुम सुलझाना।
अपनी नेक कृपा बरसाना,संतोष सदा तुम दिलवाना।।

दुष्टों का संहार किया है,
अच्छाई व्यवहार दिया है,
भैरव मन को बदला तुमने,
पूजा का सम्मान दिया है,
ऊँचे शुद्ध विचार सजाना,तुम हृदय मिलनसार बनाना।
जो भी दर पर आए मैया,उसकी झोली भरती जाना।।

–आर.एस.प्रीतम
सर्वाधिकार सुरक्षित–radheys581@gmail.com

Language: Hindi
Tag: गीत
1 Like · 278 Views
📢 Stay Updated with Sahityapedia!
Join our official announcements group on WhatsApp to receive all the major updates from Sahityapedia directly on your phone.
Books from आर.एस. 'प्रीतम'
View all
You may also like:
हाथ की लकीरें
हाथ की लकीरें
Mangilal 713
ख़्याल
ख़्याल
Dr. Seema Varma
नज़्म - झरोखे से आवाज
नज़्म - झरोखे से आवाज
रोहताश वर्मा 'मुसाफिर'
कहते हैं लोग
कहते हैं लोग
हिमांशु Kulshrestha
सबकी सलाह है यही मुॅंह बंद रखो तुम।
सबकी सलाह है यही मुॅंह बंद रखो तुम।
सत्य कुमार प्रेमी
"सबसे पहले"
Dr. Kishan tandon kranti
पीड़ा थकान से ज्यादा अपमान दिया करता है ।
पीड़ा थकान से ज्यादा अपमान दिया करता है ।
महेश चन्द्र त्रिपाठी
New light emerges from the depths of experiences, - Desert Fellow Rakesh Yadav
New light emerges from the depths of experiences, - Desert Fellow Rakesh Yadav
Desert fellow Rakesh
माँ की याद आती है ?
माँ की याद आती है ?
तारकेश्‍वर प्रसाद तरुण
विषय :- काव्य के शब्द चुनाव पर |
विषय :- काव्य के शब्द चुनाव पर |
Sûrëkhâ
सच्ची होली
सच्ची होली
Mukesh Kumar Rishi Verma
रिश्ते-नाते
रिश्ते-नाते
ओमप्रकाश भारती *ओम्*
समय संवाद को लिखकर कभी बदला नहीं करता
समय संवाद को लिखकर कभी बदला नहीं करता
Shweta Soni
इक परी हो तुम बड़ी प्यारी हो
इक परी हो तुम बड़ी प्यारी हो
Piyush Prashant
भला कैसे सुनाऊं परेशानी मेरी
भला कैसे सुनाऊं परेशानी मेरी
Keshav kishor Kumar
ਕਦਮਾਂ ਦੇ ਨਿਸ਼ਾਨ
ਕਦਮਾਂ ਦੇ ਨਿਸ਼ਾਨ
Surinder blackpen
वो मेरे हर सब्र का इम्तेहान लेती है,
वो मेरे हर सब्र का इम्तेहान लेती है,
डॉ. शशांक शर्मा "रईस"
मंजिल
मंजिल
Kanchan Khanna
हरी भरी थी जो शाखें दरख्त की
हरी भरी थी जो शाखें दरख्त की
Suman (Aditi Angel 🧚🏻)
प्यार विश्वाश है इसमें कोई वादा नहीं होता!
प्यार विश्वाश है इसमें कोई वादा नहीं होता!
Diwakar Mahto
रिश्तों का बदलता स्वरूप
रिश्तों का बदलता स्वरूप
पूर्वार्थ
अगनित अभिलाषा
अगनित अभिलाषा
Dr. Meenakshi Sharma
Dictatorship in guise of Democracy ?
Dictatorship in guise of Democracy ?
Shyam Sundar Subramanian
पलक झपकते हो गया, निष्ठुर  मौन  प्रभात ।
पलक झपकते हो गया, निष्ठुर मौन प्रभात ।
sushil sarna
अंधेरी रात में भी एक तारा टिमटिमाया है
अंधेरी रात में भी एक तारा टिमटिमाया है
VINOD CHAUHAN
#निर्विवाद...
#निर्विवाद...
*प्रणय प्रभात*
गुलाब
गुलाब
Prof Neelam Sangwan
जागेगा अवाम
जागेगा अवाम
Umesh उमेश शुक्ल Shukla
शादी वो पिंजरा है जहा पंख कतरने की जरूरत नहीं होती
शादी वो पिंजरा है जहा पंख कतरने की जरूरत नहीं होती
Mohan Bamniya
ज्ञान से दीप सा प्रज्वलित जीवन हो।
ज्ञान से दीप सा प्रज्वलित जीवन हो।
PRADYUMNA AROTHIYA
Loading...