जय माँ हंसवाहिनी।
जय माँ हंसवाहिनी।
जय माँ हंसवाहिनी,जय माँ सरस्वती।
दो हमें ज्ञान,जीवन की सत्य गति।
सभी चाहते जीवन में ज्ञान।
चाहते कृपा, चाहते शुद्ध ध्यान।
जीवन धन से भले ही चलता पर,जीवन धन नहीं होता।
धन से सुखी कभी,पूर्णतः मन नहीं होता।
माँ सरस्वती की कृपा से,जीवन सुख पाता है।
ज्ञान के प्रकाश से,जीवन न कभी दुःख पाता है।
माँ हंसवाहिनी की पूजा,
जीवन को मान देती है।
इस जग में मनुष्य को सम्मान देती है।
माँ सरस्वती की जब आराधना होती है।
जीवन की तब ही साधना होती है।
जय माँ हंसवाहिनी,हमें शिक्षा दो।
हमें सदबुद्धि की दीक्षा दो।
माँ हंसवाहिनी हमें,बुद्धि प्रदान करती है।
माँ सरस्वती हमें,शुद्धि दान करती है।
मन के अंधकार को, ज्ञान करती है।
प्रिया प्रिंसेस पवाँर
स्वरचित,मौलिक
द्वारका मोड़,नई दिल्ली-78