जय माँ दुर्गा
शेर पर है सवार,चंद्रमा मुकुट धार,अष्टभुजी अवतार,अद्भुत स्वरूप है
लहंगा चुनर लाल, बिंदी कुमकुम भाल,कितना सजीला प्यारा,दिव्य आभा रूप है
गूँज रहे शंखनाद, घण्टे और घड़ियाल,दीप से सजा है थाल,सुगंधित धूप है
भक्तिमय तन-मन,’अर्चना’ पूजा हवन,हो रहा कन्या पूजन,देवी अनुरूप है
23-10-2020
डॉ अर्चना गुप्ता
मुरादाबाद