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5 Feb 2024 · 1 min read

जय महादेव

जै महेश, वीरभद्र, वैद्यनाथ, पार्य, शर्व
धरा धरेन्द्र नंदिनीपती शशांक शेखरा
जयतु, जयतु महादेव, सोमनाथ शंकरा…

मस्तक पर अग्नि धार, काया पर भस्म ढार
तांडव में लीन शिव, अग्नि-स्फुलिंग सम
डम, डम, डम, डम निनाद, डमरू का तुमुल नाद,
मदान्ध सिंधुराज मार, मेद-लिप्त त्वचा बाँध
तालों पर नृत्य रौद्र, भीषण भयंकरा
जयतु, जयतु महादेव, सोमनाथ शंकरा…

मत्त उन्मत्त नृत्य, भाल अग्नि ज्योति दीप्त
साधना में लीन शंभु, पंचशर विनाश कर
धम-धम,धम धिमिन-धिमिन मृदुध्वनि मृदंग ध्वनित
मखारि, स्मरारि नाथ, शिर कराल गंग धार
सहस्त्रनेत्र-सेव्य शिव, किशोर शशि शेखरा
जयतु, जयतु, महादेव, सोमनाथ शंकरा…

जाल-जटा गंग धार, कण्ठ में भुजंग डार,
गौरा संग उमानाथ, विचरत कैलास द्वार
छुन-छुन, छुन, छनक-छनक नूपुर पद-ताल रणत
गजारि, त्रिपुरारि, उमानाथ, ग्रीव गरल धार
भक्तन की लाज ढक, चकोर-बंधु शेखरा
जयतु, जयतु,महादेव, सोमनाथ शंकरा…

काल-काल सुन पुकार, अरि-दल हत महाकाल
शैलजा के नाथ शिव, गणपति, कुमार सुत
सुरसरि अवतरित केश, कल-कल, कल स्वर विशेष
समदर्शी, सिद्धनाथ, असुरों का कर विनाश
व्योमकेश, रामेश्वर, हर-हर विश्वेश्वरा
जयतु, जयतु, जयतु महादेव, सोमनाथ शंकरा…
जयतु, जयतु, महादेव, सोमनाथ शंकरा…

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