जय भीम बोल रहा हूं
जय भीम बोल रहा हूं
तेरे अधिकारों के खातिर ,अपने संघर्ष को तोल रहा हूं
मंदिर ,कुआं ,स्कूल, अस्पताल हर सार्वजनिक जगह पर
मैं समता के द्वार खोल रहा हूं
लंदन की राउंड टेबल कॉन्फ्रेंस से
मैं हक तेरे छीन रहा हूं
लड़ रहा हूं ,लड़ा रहा हूं ,जन-जन को जगा रहा हूं
बहुत हुई अंग्रेजी, अपनी सत्ता का बिगुल बजा रहा हूं
हक तेरे कितने हैं ,मैं किस किस को समझाऊंगा
यही बताने के खातिर,संविधान भारत को भेंट रहा हूं
जय भीम बोल रहा हूं