Sahityapedia
Login Create Account
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
14 Apr 2017 · 1 min read

जय जय जय भीम, गूंजता गगन है

हिन्दुस्तान के हैं शान, अम्बेडकर महान।
विश्व ज्ञान के प्रतीक, आपको नमन है।।

दिल से जो दयावान, दलितों के स्वाभिमान।
लिख दिया संविधान, देश ये चमन है।।

शिक्षा व समानता के, रक्षक मानवता के।
महा मानव महान, आप से अमन है।।

भेदभाव दूर किया, पीड़ितों को हक़ दिया।
जय जय जय भीम, गूंजता गगन है।।

====++++++=====

हम कभी भूलें नहीं, याद करें जहां कहीं।
संविधान लिखा सही, भीम को नमन है।।

सामाजिक समभाव, कोई नहीं भेदभाव।
इंसानियत का भाव, भीम को नमन है।।

14 अप्रैल जन्म, अपनाया बौद्ध धम्म।
सब जन जाना सम्म, भीम को नमन है।।

पढ़ा तब वो कालेज, बना सिम्बल नॉलेज।
बढ़ाया हिन्द का क्रेज, भीम को नमन है।।

कौशलेन्द्र सिंह लोधी ‘कौशल’
9993510584

1 Like · 1935 Views
📢 Stay Updated with Sahityapedia!
Join our official announcements group on WhatsApp to receive all the major updates from Sahityapedia directly on your phone.
You may also like:
फिर से अरमान कोई क़त्ल हुआ है मेरा
फिर से अरमान कोई क़त्ल हुआ है मेरा
Anis Shah
"हाथों की लकीरें"
Ekta chitrangini
रमेशराज के 2 मुक्तक
रमेशराज के 2 मुक्तक
कवि रमेशराज
हजारों लोग मिलेंगे तुम्हें
हजारों लोग मिलेंगे तुम्हें
ruby kumari
गुरू द्वारा प्राप्त ज्ञान के अनुसार जीना ही वास्तविक गुरू दक
गुरू द्वारा प्राप्त ज्ञान के अनुसार जीना ही वास्तविक गुरू दक
SHASHANK TRIVEDI
होश खो देते जो जवानी में
होश खो देते जो जवानी में
Dr Archana Gupta
प्रकृति में एक अदृश्य शक्ति कार्य कर रही है जो है तुम्हारी स
प्रकृति में एक अदृश्य शक्ति कार्य कर रही है जो है तुम्हारी स
Rj Anand Prajapati
"मोबाइल फोन"
Dr. Kishan tandon kranti
एक तरफा प्यार
एक तरफा प्यार
Neeraj Agarwal
मार न डाले जुदाई
मार न डाले जुदाई
Shekhar Chandra Mitra
2474.पूर्णिका
2474.पूर्णिका
Dr.Khedu Bharti
मां बाप के प्यार जैसा  कहीं कुछ और नहीं,
मां बाप के प्यार जैसा कहीं कुछ और नहीं,
Satish Srijan
एक गजल
एक गजल
umesh mehra
शुभ प्रभात मित्रो !
शुभ प्रभात मित्रो !
Mahesh Jain 'Jyoti'
अन्याय के आगे मत झुकना
अन्याय के आगे मत झुकना
अनिल कुमार गुप्ता 'अंजुम'
शब्दों की रखवाली है
शब्दों की रखवाली है
Suryakant Dwivedi
घनाक्षरी छंद
घनाक्षरी छंद
Rajesh vyas
उनसे बिछड़ कर ना जाने फिर कहां मिले
उनसे बिछड़ कर ना जाने फिर कहां मिले
श्याम सिंह बिष्ट
Der se hi magar, dastak jarur dena,
Der se hi magar, dastak jarur dena,
Sakshi Tripathi
#सामयिक_विमर्श
#सामयिक_विमर्श
*Author प्रणय प्रभात*
रिश्तों की सिलाई अगर भावनाओ से हुई हो
रिश्तों की सिलाई अगर भावनाओ से हुई हो
शेखर सिंह
जिंदगी
जिंदगी
अखिलेश 'अखिल'
हास्य व्यंग्य
हास्य व्यंग्य
प्रीतम श्रावस्तवी
*जिस सभा में जाति पलती, उस सभा को छोड़ दो (मुक्तक)*
*जिस सभा में जाति पलती, उस सभा को छोड़ दो (मुक्तक)*
Ravi Prakash
तुम्हारी याद आती है मुझे दिन रात आती है
तुम्हारी याद आती है मुझे दिन रात आती है
Johnny Ahmed 'क़ैस'
फ्राॅड की कमाई
फ्राॅड की कमाई
Punam Pande
खुशी -उदासी
खुशी -उदासी
SATPAL CHAUHAN
"रेलगाड़ी सी ज़िन्दगी"
Dr. Asha Kumar Rastogi M.D.(Medicine),DTCD
मृत्यु भय
मृत्यु भय
DR ARUN KUMAR SHASTRI
वक्त
वक्त
लक्ष्मी सिंह
Loading...