जय भारत जय भारती ।
जय भारत जय भारती ।
अमृत कलश घट पुष्प भर
मातृभाषा को समर्पित है पटल
निज सतत् शब्द समूह रच
नित भाव विरचित आरती ।
जय भारत जय भारती ।
साधना रत सकल संतति
गढ़ रही नव छंद की गति
मातु धर आशीष का कर
आतुर तुम्हें निहारती ।
जय भारत जय भारती ।
ज्ञान का दीपक बने
हो शब्द की बाती सहज
शुद्ध हो मानस हमारा
संस्कारित आरती ।
जय भारत जय भारती ।
अनुराग दीक्षित