जय बोलो मानवता की🙏
जय बोलो मानवता की🙏
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जय बोलो सब जनता की
जय बोलो जन ममता की
बोलो जय करुणा दया की
जय बोलो विघ्नहर्ता की
जय बोलो अन्न दाता की
बोलो जय निज माता की
जय बोलो भारत माता की .
बोलो जय बीरों की माता
जय बोलो जन एकता की
बोलो जय प्रकृति माताकी
अपमान ना सम्मान हो
उच्च नीच का ज्ञान मिले
संसार मिले पर दौलत न
अंबार मिले जग कल्याण
भाव मिले सम्मान मिले
जन सेवा का काम मिले
सदाचार सद्भाव संस्कार
स्वस्थ्य स्वास्थ्य विचार मिले
जीवन शैली निडर वहार मिले
सबको सबसे रिस्ता नाता हो
दीप जले आंधियारों में
भूख मिटे झोपड़ियों में
कोई भूखा जग में ना हो
शहनाई बजे हर घर घर में
खुशियों का अंबार मिले
जग जन मानस प्यार बढ़े
रक्त उर्जा का संचार हो
सत्य अहिंसा की पूजा हो
जनता मे जनहित भाव हो
समता समानता का राज हो
नारी को सम्मान मिले
बहु बेटी में भेद मिटे
माँ बेटी का प्यार मिले
मानवता प्रेम का बोध हो
जय बोलो सब जनता की
जय बोलो जन मानवता की
देश की माटी मेरी माटी
मिल बांट हम सब खायेंगे
सच्चाई स्वच्छता सफाई
जागरूकता को अपनायेंगे
अपने पराये का भेद भाव
छोड़ देशहित का काम करेंगे
वाद विवाद दोष द्वेष मिटा
साथ साथ जीवन बितायेंगे
भारत की विभिन्नता में एकता
का दर्शन करायेंगे । जय बोलो
जय बोलो नीति निर्माता की
जय बोलो संविधान की
जय बोलो कानून सत्ता की
जय बोलो शासन प्रशासन
अनुशासन पालनकर्ता की
जय बोलो जग जनता की
जय बोलो मानवता की ॥
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कविवर : –
तारकेश्वर प्रसाद तरुण