#रुबाइयाँ//जय जवान , जय किसान
#जय जवान , जय किसान
देश जवान किसान हँसेगा , यह जीत हमारी होगी।
दोनों का ही मान करें हम , यह ज़िम्मेदारी होगी।
कष्टों का जीवन जीकर भी , रक्षा सबकी करते हैं;
इनको हमने दर्द दिया तो , भूल बड़ी भारी होगी।
जान जवान गँवाएँ अपनी , पर हमको आज़ाद रखें।
फ़सल किसान उगाएँ अपनी , हम फ़सलों का शाद चखें।
इनकी करनी अपना जीवन , जीवन का मोल चुकाएँ;
इनकी आशाएँ पूरी कर , दिल से दिल की याद चखें।
शासन करने वालो सुनलो , बेईमानी मत करना।
इनके हक की बातें करना , आनाकानी मत करना।
ख़ून रगों में दौड़ रहा है , मिले अन्न के कारण ही;
घोर निराशा देकर इनको , मन अभिमानी मत करना।
मोल फ़सल का सही मिलेगा , श्रम कर्म में बल होगा।
जयकार जवान किसान रही , भारत देश सबल होगा।
मिलके अपना फ़र्ज़ निभाएँ , शासन जनता जगवाले;
उगता सूरज देश हमारा , क्यों ना फिर ये कल होगा।
#आर.एस.’प्रीतम’
#सर्वाधिकार सुरक्षित रचना