जय जय राज्य, श्री राजा राम राज्य l
जहां मर्यादित, सत्य काम काज l
जय जय राज्य, श्री राजा राम राज्य l
न कल का राज्य, न काल का राज्य ll
अब का राज्य, सहज सब का राज्य l
जय हो, जय हो, श्री राजा राम राज्य ll
जहां मर्यादित, सत्य काम काज l
जय जय श्री राजा राम राज्य l
मर्यादा मय समय,
जहाँ महकता कण कण l
सहज सत्य समय,
जहाँ चहकता क्षण क्षण l
जय जय, श्री राजा राम राज्य l
जय जय, श्री राजा राम राज्य l
जहाँ मिटा भ्रष्ट प्रकरण l
जहाँ सत्य मर्यादा का रण l
जहाँ माया न बिन कारण l
जहाँ व्यथा का नहीं प्रकरण l
जय जय, श्री राजा राम राज्य l
जय जय, श्री राजा राम राज्य l
जहाँ प्रीत का क्षण क्षण l
जहाँ आदर कण कण l
जहाँ भक्ति का प्रण l
जहाँ आस्था भीषण l
जय जय, श्री राजा राम राज्य l
श्री राजा राम राज्य रामायण l
जहाँ दया दान शरण l
जहाँ जन जन का रक्षण l
जहाँ मानवता हर प्राण l
जहाँ त्याग, बलिदान भीषण l
जय जय, श्री राजा राम राज्य l
जय जय, श्री राजा राम राज्य l
जहाँ द्वेषों का दमन l
जहाँ विषय प्यास का हनन l
जहाँ सत्य रूप का दर्शन l
जहाँ मर्यादा का शिक्षण l
जय जय, श्री राजा राम राज्य l
अरविन्द व्यास “प्यास”