जय जय भोलेनाथ की, जय जय शम्भूनाथ की
(शेर)- सुबह शाम सभी याद करें, शंकर भोलेनाथ को।
जगतपिता आदि अनंत, कहते हैं भोलेनाथ को।।
सारी सृष्टि गाती है महिमा, शिव शंभूनाथ की।
इसीलिए तो देवों के देव, कहते हैं भोलेनाथ को।।
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बनी रहे कृपा हम पर, हमेशा भोलेनाथ की।
मिलकर बोले हम सभी, जय जय भोलेनाथ की।।
जय जय भोलेनाथ की, जय जय शंभूनाथ की—(2)
बनी रहे हम पर कृपा——————-।।
सबके दुःखों को हरने वाले, शंकर भोलेनाथ है।
शान्ति, कल्याण, देवों के देव, शिव शम्भूनाथ है।।
दयावान-सौम्य सी सूरत, शम्भू भोलेनाथ की।
जय जय भोलेनाथ की——————-।।
बनी रहे हम पर कृपा—————–।।
पीकर विष को भोलेनाथ, नीलकंठ शिव कहलाये।
आदि-अनादि,मध्य- अनंत देव, महादेव शिव कहलाये।।
राम ने भी महिमा बताई, जग में भोलेनाथ की।
जय जय भोलेनाथ की——————।।
बनी रहे हम पर कृपा——————।।
हाथ में डमरू त्रिशूलधारी, जगतपिता है भोलेनाथ।
अपनी जटा से गंगा बहाये, कैलाशी शिव शम्भूनाथ।।
सभी लोक में पूजा होती है, उमापति भोलेनाथ की।
जय जय भोलेनाथ की——————-।।
बनी रहे हम पर कृपा——————–।।
शिक्षक एवं साहित्यकार
गुरुदीन वर्मा उर्फ जी.आज़ाद
तहसील एवं जिला- बारां(राजस्थान)