जय-जय भारत हो
दिल से कहो एक बार यह देश मुबारक हो
हम सब भारतवासी है जय-जय भारत हो
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आचार विचार सही रखे न हानिकारक हो
तुम सदा बनो संयम शुचिता के वाहक हो
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तुम राष्ट्र गान जन गण मन अधिनायक हो
रक्षा रक्षक संरक्षक व तुम अभिभावक हो
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हिंसा नफ़रत के लिए कठोर कुचालक हो
प्रेम प्रतीति का पेड़ लगाया फलदायक हो
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इस सदी में तीब्र गति चलने के नायक हो
जन-जन की भागीदारी होती उद्धारक हो
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भय भूख विषमता के तुम ही संहारक हो
सबके ही दुख हर्ता और कष्ट निवारक हो
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वैरी वक्ष-स्थल पर जड़ते कड़े प्रहारक हो
वो पार न पाता ऐसी क्षमता की मारक हो
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आत्मसात किया सबको तो तुम भारत हो
धरती अन्यों की न हुए कभी अक्रामक हो
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गांधी बुद्ध महावीर जैसे महा विचारक हो
शान्ति अहिंसा पूरे जग में रहे प्रचारक हो
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स्वागत-स्वागत हो भरा हृदय में भारत हो
धन्य -धन्य यह देश हमारा जय भारत हो
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मुझमें तुममें सबमें जन-जन में भारत हो
है सारी दुनिया में गूंज उठें जय भारत हो
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-रामचन्द्र दीक्षित’अशोक’