जय जय जय जगदम्बे तेरी,
हंसवाहिनी,कालरात्रि तू ही है अम्बे,
जय जय जय जगदम्बे तेरी जय जय जय जगदम्बे।
असुरो का संघार किया
भक्तो का उद्धार किया
लिया हाथ मे खप्पर
महीसासुर को मार दिया।
शैलपुत्री महागौरी तू ही है अम्बे
जय जय जय जगदम्बे तेरी जय जय जय जगदम्बे
कही तू होती कन्या रूप में
कही कुष्मांडा कहलाती ।
कही किसी की माँ बनकर ममता खूब लुटाती।
अपने भक्तों को सदा अपने दिल मे बसाती ।
चन्द्रघण्टा कात्यायनी तू ही है अम्बे।
जय जय जय जगदम्बे तेरी जय जय जय जगदम्बे
सात शेरो की सवारी पर
जब आती तू हमारे गांव
असुर सब दूर भागे पड़ते तेरा पाँव
स्कन्दमाता,शैलपुत्री तू ही है अम्बे
जय जय जय जगदम्बे तेरी जय जय जय जगदम्बे।